Posts

Showing posts from 2020

THE GREAT TEACHER NATURE

Image
संसार में दो प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं... प्रथम - अपना फल स्वयं दे देते हैं... जैसे - आम, अमरुद, केला इत्यादि । द्वितीय - अपना फल छिपाकर रखते हैं... जैसे - आलू, अदरक, प्याज इत्यादि । जो फल अपने आप दे देते हैं, उन वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं, और ऐसे वृक्ष फिर से फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं । किन्तु जो अपना फल छिपाकर रखते है, वे जड़ सहित खोद लिए जाते हैं, उनका वजूद ही खत्म हो जाता हैं। ठीक इसी प्रकार... जो व्यक्ति अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वयं ही समाज सेवा में समाज के उत्थान में लगा देते हैं, उनका सभी ध्यान रखते हैं और वे मान-सम्मान पाते है। वही दूसरी ओर... जो अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वार्थवश छिपाकर रखते हैं, किसी की सहायता से मुख मोड़े रखते है, वे जड़ सहित खोद लिए जाते है, अर्थात् समय रहते ही भुला दिये जाते है। प्रकृति कितना महत्वपूर्ण संदेश देती है, बस समझने, सोचने और कार्य में परिणित करने की बात है। इसलिए समाज और देश के बारे में सोचते रहो।

सुंदर मृग

♨️♨️ *रुरु एक मृग था। सोने के रंग में ढला उसका सुंदर सजीला बदन; माणिक, नीलम और पन्ने की कांति की चित्रांगता से शोभायमान था। मखमल से मुलायम उसके रेशमी बाल, आसमानी आँखें तथा तराशे स्फटिक-से उसके खुर और सींग सहज ही किसी का मन मोह लेने वाले थे। तभी तो जब भी वह वन में चौकडियाँ भरता तो उसे देखने वाला हर कोई आह भर उठता।*  ♨️♨️ *जाहिर है कि रुरु एक साधारण मृग नहीं था। उसकी अप्रतिम सुन्दरता उसकी विशेषता थी। लेकिन उससे भी बड़ी उसकी विशेषता यह थी कि वह विवेकशील था ; और मनुष्य की तरह बात-चीत करने में भी समर्थ था। पूर्व जन्म के संस्कार से उसे ज्ञात था कि मनुष्य स्वभावत: एक लोभी प्राणी है और लोभ-वश वह मानवीय करुणा का भी प्रतिकार करता आया है। फिर भी सभी प्राणियों के लिए उसकी करुणा प्रबल थी और मनुष्य उसके करुणा-भाव के लिए कोई अपवाद नहीं था। यही करुणा रुरु की सबसे बड़ी विशिष्टता थी।*  ♨️♨️ *एक दिन रुरु जब वन में स्वच्छंद विहार कर रहा था तो उसे किसी मनुष्य की चीत्कार सुनायी दी। अनुसरण करता हुआ जब वह घटना-स्थल पर पहुँचा तो उसने वहाँ की पहाड़ी नदी की धारा में एक आदमी को बहता पाया। रुरु की* *करुणा सह...

*एलियन पर वैज्ञानिको का विश्वास*

Image
अब तक, एक और पृथ्वी, या पृथ्वी जैसे ग्रह को खोजने का मिशन जो जीवन का समर्थन या पहले से ही समर्थन कर सकता है, वास्तव में परिणाम नहीं मिला है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी आकाशगंगा में जीवन के रूप नहीं हैं, विशेष रूप से वे जो अविश्वसनीय रूप से बुद्धिमान हैं। अब वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हमारी आकाशगंगा में कम से कम 36 बुद्धिमान विदेशी सभ्यताएँ हो सकती हैं। ऐसे प्रश्न जो हमेशा अनुत्तरित रह सकते हैं, जहाँ ये विदेशी सभ्यताएँ रहती हैं या रह सकती हैं, क्या हम कभी उनसे बातचीत कर पाएंगे और क्या उनमें से कुछ अतीत में मौजूद थे। नॉटिंघम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक समूह ने यह सुझाव देने के लिए एक नई "ब्रह्मांडीय विकास" आधारित गणना शुरू की कि हमारी आकाशगंगा कम से कम 36 बुद्धिमान जीवन रूपों को होस्ट करती है। नवीनतम द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में, वैज्ञानिकों का कहना है, "हमारी गणना में गेलेक्टिक स्टार गठन हिस्टरीज़, मेटैलिटी वितरण, और उनके रहने योग्य क्षेत्रों में पृथ्वी जैसे ग्रहों की मेजबानी करने वाले सितारों की संभावना शामिल है, जो विशिष्...

☸️*बुद्ध_की_शिक्षा*☸️

Image
एक बार तथागत बुद्ध से उनके शिष्य ने कहा कि हे बुद्ध मेरे वस्त्र बहुत पुराने व जीर्ण हो चुके है कृपया मुझे नए वस्त्र प्रदान करने की कृपा करे। बुद्ध ने अपने शिष्य की ओर देखा तो पाया कि उनके वस्त्र वाकई जीर्ण हो चुके है। तब बुद्ध ने अपने दूसरे शिष्य से,वस्त्र लाने को कहा, और अपने शिष्य को वस्त्र सौंप दिए। कुछ दिनों बाद बुद्ध का उस  शिष्य के पास जाना हुआ। तब बुद्ध ने अपने शिष्य से पूछा कि तुम्हे नए वस्त्र में कैसा लग रहा है?? क्या तुम अब इं वस्त्रों।में आराम दायक महसूस कर रहे हो। तब बुद्ध के शिष्य ने कहा हा बुद्ध। बुद्ध ने फिर पूछा कि तुमने पुराने कपड़ों का क्या किया?? शिष्य ने कहा मैने उन कपड़ों से,खिड़की के पर्दे बना लिए हे। बुद्ध:-  तुमने पुराने पर्दो का क्या किया?? शिष्य:- मैने उन पर्दो को रसोई में सफाई के लिए काम ले लिया है। बुद्ध:- तुम्हारे पुराने सफाई के कपड़े कहा हे?? शिष्य:- मैने उन सफाई के कपड़ों की बातिया बना ली। जिसमे से एक आज रात्रि को आपके कुटिया में प्रकाश मान थी मसाल के रूप में।🙏😍🤩☸️☸️☸️☸️🇮🇳🇮🇳🙏 ✍️*बुद्ध_प्रिय_मनोज_बामनिया*

covid_19{को रोना }वायरस

Image
कोरोनावायरस  कई  वायरस  (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है जो  स्तनधारियों  और  पक्षियों  में रोग के कारक होते हैं। यह  आरएनए वायरस  होते हैं। मानवों में यह  श्वास तंत्र संक्रमण  के कारण होते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं।  गाय  और  सूअर  में यह  अतिसार  और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई  टीका (वैक्सीन)  या वायररोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने  प्रतिरक्षा प्रणाली  पर निर्भर करता है और रोगलक्षणों (जैसे कि  निर्जलीकरण  या डीहाइड्रेशन,  ज्वर , आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे। कोरोनावायरस Coronavirus विषाणु वर्गीकरण Group: Group IV  ( (+)एसएसआरएनए ) अधिजगत : वायरस (Virus) जगत : राइबोविरिया (Riboviria) संघ : ज्ञात नहीं गण : नीडोविरालीस (Nidovirales) कुल : कोरोनाविरिडाए (Coronaviridae) उपकुल : ऑर्थोकोरोनाविरि...

""मिशन गगन यान""

Image
Gaganyaan Mission: अंतरिक्षयात्रियों के साथ जाएंगे भारतीय व्यंजन, पढ़ें पूरा  नई दिल्ली, एएनआइ।  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान में शामिल होने वाले एस्ट्रोनॉट (अंतरिक्ष यात्री) को अंतरिक्ष में घर का खाना मिलेगा। भारतीय एस्ट्रोनॉट के लिए खाने का मेन्यू तैयार कया गया है। इस मेन्यू में इडली, मूंग दाल का हलवा, एग रोल्स और वेज पुलाव शामिल है। इस खाने को मैसूर के रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला में तैयार किया गया है। फूड हिटर्स भी ले जाएंगे अंतरिक्षयात्री इतना ही नहीं अंतरिक्षयात्रियों को खाना गर्म करने के लिए फूड हीटर्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही अंतरिक्षयात्रियों को पीने के लिए पानी और जूस दिया जाएगा। अंतरिक्ष में ग्रेवेटी नहीं होती इसलिए गगनयान मिशन जाने वाले एक विशेष कंटेनर बनाए गए है जिनमें वह आसानी से इसे ले जा सकें। जानकारी के लिए बता दें कि अंतरिक्ष यात्रियों को दिया जाने वाला ये खाना हेल्दी है और साथ ही वह एक साल तक चल सकता है। लेकिन, एक बार पैकेट खोलने के बाद उस खाने को 24 घंटे को अंदर-अंदर खत्म करना होगा। वह इसे आधा खाने का ब...