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""महिला उत्थान""

समझा ‘जाति प्रथा के मकड़जाल में फंसी महिलाओं की स्थिति’ भारतीय संदर्भ में देखा जाए तो आंबेडकर संभवत: पहले अध्येता रहे हैं, जिन्होंने जातीय संरचना में महिलाओं की स्थिति को जेंडर की दृष्टि से समझने की कोशिश की| उनके संपूर्ण विचार मंथन के दृष्टिकोण में सबसे महत्वपूर्ण मंथन का हिस्सा महिला सशक्तिकरण था| उन्होंने भारतवर्ष की तत्कालीन सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनैतिक व्यवस्था का सूक्ष्म अध्ययन करके जाना कि सभी समस्या के समाधान की मूल शर्त सामाजिक न्याय और परिवर्तन की क्रांति से है, न की अन्य किसी उपाय से है| महाड़ सत्याग्रह से की महिला सशक्तिकरण की शुरुआत आंबेडकर ने अपने अध्ययन और दूरदृष्टि से यह भांप लिया था कि भारतीय महिला सवालों (शोषण, उत्पीड़न, अज्ञान, अपमान और सामाजिक विषमता) की मूल वजह कुछ और नहीं बल्कि भेदभावपूर्ण समाज व्यवस्था और शिक्षा का अभाव है| संदर्भ के तौर पर उनके जीवन के पहले आन्दोलन के रूप में महाड़ सत्याग्रह को हम महिला सशक्तिकरण की शुरुआत मान सकते है| हालांकि यह आन्दोलन पीने के पानी के संबंध में था पर महिलाओं के सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से उन्होंने आन्...

💝THE LOVE 💝

LOVE,प्यार ,इश्क,मोहबत नाम बहुत है पर चीज एक ही है?संभव है कि प्यार का जन्म, जीवन के विकास के साथ एक लालसा के रूप में हुआ हो।प्यार प्रकति से हो सकता है,अपने पैरेंट्स से हो सकता है,अपने दोस्तों से हो सकता है,कीसी जानवर से भी हो सकता है।पर आज हम वेलेंटाइन वीक की वजह से दो कपल्स में होने वाले प्यार का जिक्र करेंगे। प्यार क्या है??? SCIENCE~~~प्यार आई कांटेक्ट से शुरू होता है और माइंड की पिट्यूटरी ग्रंथि   में निकलने वाला love हार्मोन【【[आक्सीटोसिन-C,43,H66,N12,O12,S2] अणुभार -1007.199/MOL】】जब निरन्तर निकलता रहता है तो यह व्यक्ति में व्यहारिक परिवर्तन कर देता है। जो माइंड रसायन के रूप में खुशी की भावनाओ में शामिल है जो व्यक्ति के आत्म विस्वास को बड़ा देता है।इसकी वजह से 1 व्यक्ति की धड़कन तेज हो जाती है। 2 व्यक्ति को पसीना आता है। 3 रोम खड़े हो जाते है। 4 इंसान अपने आस पास की चीजों को भूल जाता है। 5 कुछ खास दृश्य बार बार इमेजिन होते है। आस्तिक💝~~~ प्यार ईश्वर की परछाई है जब तुम्हे किसी से प्यार हो जाता है तो तुम्हे उस व्यक्ति में अपना ईश्वर(अपना सबकुछ) नजर आने लगता है। क्योंकि परमात्मा (प...

सोशल मिडिया और आधुनिक भारत।।

भा रत के इतिहास में जातिय पर चोट~~भारत में जाति रूपी बीमारी का ईलाज बहुत कम हुआ है और अब भी इससे लड़ने की जरुरत है। पहली बार इसका विरोध जैन और बौद्ध धर्म का विकास हे परन्तु जैन ध...

N.A.M.E.=नेशनल अम्बेडकर मिशन इक्वलिटी....

हेल्लो दोस्तों ये मेरी पहली पोस्ट हे और इसका मकशद भारत में नेक और ईमानदार समाज की स्थापना के लिए कुछ मौलिक जरूरतों के बारे में बात करेंगे.. हमारे देश में दो सबसे बड़ी समस्या है पहली अशिक्षा और नैतिकता का पतन। दूसरी जातिवाद और धार्मिक कट्टरता। हम पहले पहली समस्या के बारे में बात करते हे शिक्षित होने के बावजूत हमारे समाज के मोलर वेल्यु घट रही है।इसके दो ही कारण है गरीबी और अशिक्षा। निराकरण~ इस समस्या का एक समाधान ये हे की सभी पोलिटीशय के बच्चे सरकारी स्कूल में पड़े। सभी प्रशाशनिक अधिकारी और टीचर के बच्चे सरकारी स्कूल में पड़े।   स्कुलो में सुविधा के लिए प्राइवेट कॉलेजो को लीड पर लिया जाय।। दूसरी प्रॉब्लम ये हे की जातिवाद और धार्मिक कट्टरता को कैसे ख़त्म किया जाये क्योंकि आज इन प्रॉब्लम की वजह से देश ग्रह युद्ध की और अग्रसर हो रहा है जो हमारी एकता और अखंडता के लिए खतरा बन गया है  निराकरण~~जातिवाद और धार्मिक कट्टरता को समाप्त करने के लिए हमें जाती विहीन और धर्म विहीन समाज की स्थापना की जरुरत है। ताकि हम सब केवल और केवल भारतीय बन सके। ""कुछ लोग कहते हे की में प...