चिंतन करो, चिंता नहीं
 
आज हम चिंतन के फायदे, और चिंता के नुकसान के साथ ही इन दोनो क्या अंतर है वो जानेंगे। चिंतन:~~ 1  चिंतन, से  समस्या का हल मिलता है, चिंतन जीवन जीने का मार्ग सुलभ करता है।  2  चिंतन से सफलता का रास्ता पता चलता है। 3  चिंतन ही सजीव और बुद्धिमान होने की निशानी है। 4  चिंतन मानव विकास का आधार है, इसके सहारे ही इंसानों ने अभी तक की खोजें की है। चिंता:~~ 1 चिंता से मन निराश होता है। 2 चिंता से केवल ऊर्जा खर्च होती हैं, इससे ना तो कोई परिणाम प्राप्त होता है और ना ही कोई सफलता मिलता है। 3  चिंता में, विवेक, और बुद्धि काम नही कर पाती हैं। 4  चिंता से हर तरह का विकास रुक जाता है।  चिंतन और चिंता में अंतर:~  चिंता में केवल एक ही तरह का विचार होता है। चिंता में जागरूकता और विचारशीलता खत्म हो जाती हैं। चिंता के कारण कई बार इंसान काल्पनिक अनहोनी से घबरा जाता है। जो की हुई ही नहीं है। बुद्ध कहते हैं चिंता दुखो का कारण हैं। और चिंतन सुख का कारण हैं। वही चिंतन शील इंसान  किसी समस्या को सुलझाने अथवा कोई सफलता प्राप्त करने के लिए अलग अलग दृष्टिकोण से सम...
 
 
